फिल्म निर्माता वरुण ग्रोवर ने बॉलीवुड में लेखकों के शोषण पर चिंता जताई है, जहां उनके अनुसार कई बार प्रचार सामग्री से उनका नाम हटा दिया जाता है। ग्रोवर का कहना है कि यह अन्याय केवल नए लेखकों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अनुभवी लेखकों जैसे गुलजार और जावेद अख्तर को भी इसका सामना करना पड़ता है।
एक इंटरव्यू में, वरुण ने इस मुद्दे पर खुलकर बात की और बताया कि कैसे एक ‘मसीहा निर्देशक’ ने उनके एक लेखक मित्र का शोषण किया। हालांकि, उन्होंने निर्देशक का नाम उजागर करने से मना किया।
वरुण ने कहा कि उनके मित्र, जो एक लोकप्रिय कॉमेडियन हैं, को एक बड़े फिल्म निर्माता के साथ काम करते हुए संवाद लेखन के लिए ₹50,000 की फीस मिली। बाद में, बातचीत के बाद उनकी फीस बढ़ाकर ₹3 लाख कर दी गई, जो कि स्क्रीनराइटर्स एसोसिएशन द्वारा निर्धारित नियमों के खिलाफ है।
ग्रोवर ने यह भी बताया कि कई बड़े फिल्म निर्माता फिल्म के पोस्टरों पर लेखकों के नाम का उल्लेख नहीं करते हैं, और इसे सुधारने की आवश्यकता है।
उन्होंने उदाहरण के तौर पर इरशाद कामिल और गुलजार के गानों का हवाला देते हुए कहा कि उनके नाम का उल्लेख तक नहीं किया जाता। वरुण ने इस बात पर भी ध्यान दिलाया कि ये समस्याएँ अनुभवी लेखकों के साथ भी हो रही हैं।
वरुण ग्रोवर को फिल्म “मसान” के लेखन के लिए जाना जाता है और हाल ही में उन्होंने अपने निर्देशन की शुरुआत की है।
वरुण ग्रोवर ने बॉलीवुड में लेखकों के शोषण पर उठाई चिंता –
Varun grover raised concern over exploitation of writers in bollywood