हर साल सावन माह के हर मंगलवार के दिन मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। इस साल यानी 2023 में अधिकमास होने के कारण पूरे सावन माह में कुल नौ मंगला गौरी व्रत रखे जाएंगे। आखिरी मंगला गौरी व्रत सावन माह के आखिरी मंगलवार को रखा जाता है। मंगला गौरी व्रत की महत्ता की बात करें तो ये व्रत मंगला गौरी नाम से मशहूर माता पार्वती के लिए रखा जाता है।
इस व्रत को करने से जातक के सुखमय वैवाहिक जीवन के योग बनते हैं और अविवाहित लड़कियों के जल्द विवाह के योग भी बनते हैं। सावन में जहां हर सोमवार भगवान शिव का दिन माना जाता है, वहीं सावन के हर मंगलवार को माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा का प्रावधान है और इस दिन पति की लंबी उम्र के लिए की गई प्रार्थना पूरी होती है।
इस साल अधिकमास होने के कारण सावन माह कुल 58 दिन का हो गया है। इस लिहाज से देखा जाए तो चार की बजाय नौ मंगला गौरी व्रत आ रहे हैं। ऐसे में सावन माह का नौवां और आखिरी मंगला गौरी व्रत 29 अगस्त को रखा जाएगा। मान्यता है कि इस व्रत की शुरूआत खुद माता पार्वती का स्वरूप कही जाने वाली माता गौरी ने की थी। माता गौरी ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए व्रत रखा और इसे मंगला गौरी व्रत कहा गया।
मंगला गौरी का व्रत पहली बार रखने जा रही हैं तो इसके नियम जरूर जान लेने चाहिए। व्रती को इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके घर को साफ करना चाहिए। इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना एक चौकी पर करें और व्रत का संकल्प लें। अब मां गौरी को सिंदूर लगाएं, उनको धूप दीप और नेवैद्य अर्पित करें। इसके बाद सुहाग की सामग्री भी अर्पित करें और भगवान शिव के साथ-साथ माता पार्वती की भी आरती करें। इसके बाद मंगला गौरी की आरती करें और व्रत कथा सुनें।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)
मंगला गोरी का अंतिम व्रत कब रखा जायेगा,जानें व्रत का महत्व –
When will the last fast of mangala ghori be observed, know the importance of the fast.